जमीन ,खेत, प्लाट या घर की रजिस्ट्री
सीतापुर में जमीन की रजिस्ट्री कैसे कराएं ? खेत, प्लाट या घर की रजिस्ट्री कैसे होती है ?
जब भी कोई व्यक्ति नया घर खरीदता है या फिर कोई नई जमीन खरीदता है, तो उसे अपनी जमीन की रजिस्ट्री करवानी पड़ती है, पर कई बार उसे यह नहीं पता होता है कि, जमीन की “रजिस्ट्री कैसे करवाएं? खुद का घर होना अपने आप में काफी प्राउड फील करवाता है और इसीलिए हर कोई अपना खुद का घर खरीदना चाहता है और इसके लिए वह काफी मेहनत भी करता है| कई लोग लोन लेकर घर खरीदते हैं, तो कई लोग अपनी मेहनत की कमाई से पाई पाई जोड़ कर जमीन या फिर घर खरीदते हैं| परंतु सिर्फ घर खरीदना ही बड़ी बात नहीं है, बल्कि वह जमीन या फिर घर आपके नाम होना भी चाहिए, जिसे आपने खरीदा है| अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो कल को कोई भी फ्रॉड व्यक्ति आपकी जमीन या फिर आपके घर पर दावा ठोक सकता है
कई बार हम जमीन या प्लॉट खरीदते हैं तब जल्दबाजी के कारण कुछ चेक नहीं करते। ऐसी स्थिति में उस जमीन को खरीदने के बाद भी उसे हासिल करने के लिए पूरी जिंदगी कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने पड़ते हैं। ऐसी समस्या से जरुर बचे क्योंकि जमीन जायदाद के मामले में थोड़ा सतर्कता बरतना बहुत ही जरुरी है।
किसी जमीन की रजिस्ट्री करवाने से पहले हमे चेक करना होगा कि जो जमीन है उसे कितनी बार बेची गई है और कितनी बार खरीदी गई है । किसी जमीन की रजिस्ट्री करवाने से पहले पूछे कि क्या वो जो व्यक्ति आपको जमीन बेच रहा है इस जमीन का मालिक है। अगर नहीं तो मालिक द्वारा दिया गया कोई पावर ऑफ अटॉर्नी लेटर है या नहीं है। अगर आप खेती के लिए कोई जमीन खरीद रहे हैं तो आप उसका सर्वे नंबर या फिर उसकी डिटेल ले ले और राज्य सरकार से जुड़ी वेब पोर्टल है वहां पर जाकर आप उसके डाटा को वेरीफाई कर सकते हैं। अगर आप किसी कृषि भूमि को प्लॉट के लिए खरीद रहे हैं तो क्या वह जमीन प्लॉट या मकान बनाने के लिए परमिशन मिली हुई है। अगर आप इंडस्ट्री के लिए जमीन खरीद रहे है तब आपको चेक करना चाहिए कि इसके लिए अनुमति मिली है या नहीं या मिल भी सकती है या नहीं। आपको एक बार अवश्य चेक करना चाहिए कि जो नक्शे में जमीन या प्रॉपर्टी बताई गई है वो सच में है भी कि नही और आपको जो नक्शा दिया गया है, क्या वह नगर निगम के द्वारा किया गया है या फिर नहीं।
जमीन की रजिस्ट्री हेतु आवश्यक दस्तावेज
- जमीन बेचने और खरीदने वाले दोनों व्यक्ति पहचान पत्र लगेगा। जैसे आधार कार्ड
- NOC (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट ) – अगर जमीन पर कर्ज लिया गया होगा तब बैंक का जरी NOC लगेगा।
- खसरा – खतोनी की नकल।
- अगर जमीन मालिक स्वयं उपस्थित नहीं है तब जो जमीन बेच रहा है उसको मिला हुआ पावर ऑफ़ अटार्नी लेटर लगेगा।
- प्रॉपर्टी टैक्स से जुड़ी लेटेस्ट रसीदें भी जरूरी होंगी ।
- बैंक चेक – जमीन खरीदने वाला व्यक्ति बैंक चेक जरूर रखें। क्योंकि स्टाम्प में इसका विवरण दिया जायेगा ।
अपने रजिस्ट्री ऑफिस में स्टैम्प ड्यूटी पेपर बनवायें
सभी दस्तावेज तैयार हो जाने के बाद रजिस्ट्री करवाने हेतु सबसे पहले आप अपने रजिस्ट्री ऑफिस में जाइये। वहां आपको बहुत से वकील और रजिस्ट्रार मिलेंगे। उनका काम ही है कि जमीन की रजिस्ट्री हेतु स्टैम्प ड्यूटी पेपर बनाना और रजिस्ट्री में आपकी मदद करना। इसके लिए आपको उन्हें निर्धारित फीस भी देना होता है।
आप बात करके भी को भी अपने जमीन का रजिस्ट्री का काम दे दीजिये। उसके बाद वो जमीन बेचने वाला और जमीन खरीदने वाला दोनों से आवश्यक सभी दस्तावेज मांगेगा। दस्तावेज के अनुसार वो रजिस्ट्री पेपर तैयार करेगा। इसके लिए आपको स्टाम्प पेपर खरीदना रहेगा। ये बहुत आसान है और ऑनलाइन खरीद सकते है। इसमें भी रजिस्ट्री करने वाला व्यक्ति आपकी मदद करेगा। आपको बस जमीन का सरकारी रेट के अनुसार स्टाम्प ड्यूटी का पैसे उन्हें देना है। आप स्वयं भी अपने जमीन का सरकारी रेट चेक कर सकते है
सब–रजिस्ट्रार कार्यालय में पेश होना होगा
जब आपकी रजिस्ट्री पेपर पूरी तरह से तैयार हो जाएगी तब इसे सब रजिस्ट्रार के कार्यालय में पेश किया जायेगा। इसके बाद आपको टोकन नंबर मिलेगा। इससे आपको पता लगेगा कि कितने लोगों के बाद आपका नंबर आएगा। जब आपका नंबर आ जाये तब आपको बुलाया जायेगा। इसके बाद सब रजिस्ट्रार के द्वारा कुछ सवाल पूछे जायेंगे। जैसे – जमीन बेचने वाले व्यक्ति से क्या आप जमीन बेच रहे है ? जमीन खरीदने वाले व्यक्ति से – क्या आप जमीन खरीद रहे है। इसके साथ ही जमीन बेच रहे व्यक्ति से पैसा मिला है या नहीं इसके बारे में भी सवाल पूछा जाता है।
पेपर ठीक होने और सवाल पूछने के बाद जमीन बेचने वाले और जमीन खरीदने वाले दोनों व्यक्ति से हस्ताक्षर कराये जायेंगे। हस्ताक्षर के बाद रजिस्ट्री प्रक्रिया पूर्ण हो जाएगी।
दाखिल खारिज के लिए जरुर अप्लाई करें
जमीन की रजिस्ट्री होने के बाद आपको रजिस्ट्री पेपर दिया जाता है। इसे अपने पास रखें क्योंकि यही जमीन का असली पेपर होता है। जमीन रजिस्ट्री हो जाने के बाद दाखिल खारिज के लिए अप्लाई करना होता है। ध्यान दें कि दाखिल खारिज कराना बहुत ज्यादा जरूरी होता है। अगर आप दाखिल खारिज नहीं कराते हैं, तो जमीन जो है आपके कब्जे में नहीं होता है। दाखिल कराने के लिए पहले जो है ऑफलाइन आवेदन होता था लेकिन ये प्रक्रिया ऑनलाइन भी कर दिया गया है। आप अपने राजस्व विभाग की वेबसाइट से इसके लिए आवेदन कर सकते है।
दाखिल ख़ारिज हेतु आवेदन करने के बाद राजस्व विभाग के कर्मचारी आपके जमीन को वेरीफाई करते हैं, इसके बाद दाखिल ख़ारिज कर दिया जाता है। उसके बाद आपके नाम से रसीद काट के दे दिया जाता है फिर आप अपने जमीन में कुछ भी काम जैसे – गृह निर्माण करा सकते हैं। रजिस्ट्री कार्य पूर्ण होने के पश्चात् जमीन के रिकॉर्ड में बदलाव करवाना भी बहुत जरुरी होता है। जैसे ऑनलाइन भूलेख एवं भू नक्शा रिकॉर्ड में आपका नाम चढ़वाना। इसके लिए अलग अलग राज्य के अनुसार सुविधाएँ उपलब्ध करवाई गई है। इस कार्य को भी आप गंभीरता से करवा लें।
क्या आप अपनी प्रॉपर्टी बेचना चाहते हैं ? यदि हाँ तो अपनी प्रॉपर्टी का एड्स यहाँ पोस्ट कीजिये
See Your Local Ads


Free Membership
₹0 / Month
हमेशा फ्री है
- 2 Regular Ads
- No Featured Ads
- No Top Ads
- No Ads will be bumped up
- Limited Support
Basic Membership
₹200 / Month
तीन महीने के लिए फ्री है
- 10 Regular Ads
- 2 Featured Ads
- 2 Top Ads
- Ads will be bumped up
- Unlimited Support
Store Membership
₹500 / Month
तीन महीने के लिए फ्री है
- 30 Regular Ads
- 10 Featured Ads
- 5 Top Ads
- 5 Ads will be bumped up
- Limited Support
